शोध चक्र अपनाने वाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय बना MDSU
विश्वविधालय अनुदान आयोग द्वारा, इनफ्लिबनेट केन्द्र, गांधीनगर, गुजरात के तकनीकी नियंत्रण के साथ, रिसर्च लाइफ साइकिल को प्रबंधित करने हेतु, ‘शोध चक्र’ पोर्टल भारत में सभी विश्वविद्यालयों हेतु नवीनतम प्रयास है. यह ‘शोध चक्र पोर्टल’ क्लाउड आधारित तकनीक पर क्रियान्वित है, जो कि विश्वविधालय के शोध अनुभाग, शोध पर्यवेक्षक एवं शोधार्थी को डिजिटल वर्क स्पेस प्रदान करेगा. इसमें शोधार्थी शोध कार्य का संग्रह और व्यवस्थापन कर सकेंगे, उनके पंजीकरण, सिनोप्सिस, प्रगति रिपोर्ट, इत्यादि संरक्षित रहेंगे, उन्हें शोध लेखों के प्रकाशन में सहायता मिल सकेगी; शोध पर्यवेक्षक अपने अधीन पंजीकृत शोधार्थी के प्रोफाइल, उनके कार्य की प्रगति देख सकेंगे, संवाद कर सकेंगे, शोध प्रकाशनों के कार्य नियन्त्रित कर सकेंगे; शोध पर्यवेक्षक और शोधार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय ‘जोटेरो रिफरेन्स मैनेजमेंट सिस्टम’, ‘स्कोपस’ एवं ‘वेब ऑफ़ साइंस’ ई-रिसोर्स उपलब्ध रहेंगे. शोध अनुभाग के द्वारा शोध-पर्यवेक्षक और शोधार्थी के प्रोफाइल प्रबन्धन, कार्य प्रगति रिपोर्ट, विभिन्न सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकेगा.
कुलगुरु सुरेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविधालय, अजमेर राजस्थान का पहला राज्य विश्वविधालय है जिसने इस पोर्टल की क्रियान्विति हेतु इनफ्लिबनेट केन्द्र, गांधीनगर, गुजरात के साथ एम. ओ.यू. हस्ताक्षरित कर लिया है जिससे शोध-अनुभाग की विभिन्न प्रक्रिया ऑनलाइन की जा सकेगी. इस पोर्टल हेतु अश्विनी तिवारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है. शोध चक्र ‘एम. ओ.यू.’ कुलसचिव कैलाश चन्द्र शर्मा, शोध निदेशक सुब्रोत्तो दत्ता की उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया गया.